महाराष्ट्र के मंत्री ने एक अहम मांग रखी है कि थैलेसीमिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल किया जाए। उनका कहना है कि अगर ये कदम नहीं उठाया गया तो वे मजाकिया अंदाज में कहते हैं कि “चंद्रमा पर चाट ठेला” लगाने की नौबत आ जाएगी। यह बयान इस गंभीर बीमारी के लिए सरकारी समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त रोग है जिसमें शरीर केप्लेट्स सही तरीके से काम नहीं करते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बीमारी का इलाज महंगा होता है और इसे राष्ट्रीय योजना में शामिल करने से प्रभावित मरीजों को सुविधा मिल सकेगी।
मंत्री की मुख्य बातें:
- थैलेसीमिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की मांग।
- सरकारी समर्थन न मिलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
- हास्यपूर्ण ढंग से अपनी बात को स्पष्ट किया।
थैलेसीमिया के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदम:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में थैलेसीमिया को कवर करना।
- मुफ्त या सस्ते इलाज की व्यवस्था करना।
- जनजागरूकता बढ़ाना।
- रक्तदान और शोध के लिए प्रोत्साहन।
यह प्रस्ताव सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी के समान है कि थैलेसीमिया जैसी बीमारियों के प्रति उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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