महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में ‘थैलेसीमिया’ को शामिल करने की मांग की है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि थैलेसेमिया एक गंभीर रक्त संबंधी बीमारी है, जिसका प्रभाव लाखों लोगों पर पड़ता है।
इस मांग के बाद, केंद्र सरकार ने भी इस विषय में गहरी रुचि दिखाई है और इस संबंध में आवश्यक पहल करने की संभावना जताई है। यदि थैलेसीमिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल किया जाता है, तो इससे मरीजों को बेहतर इलाज और सहायता मिल सकेगी।
थैलेसीमिया और इसका महत्व
- थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें हीमोग्लोबिन उत्पादन प्रभावित होता है।
- यह बीमारी मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।
- उपचार और देखभाल के लिए उच्च लागत और संसाधनों की आवश्यकता होती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल करने के लाभ
- मरीजों को इलाज और दवाओं पर आर्थिक मदद मिलेगी।
- बेहतर जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ेगी।
- थैलेसीमिया के प्रबंधन और रोकथाम में सहायता मिलेगी।
यह पहल मरीजों के लिए काफी सहायक साबित हो सकती है और देश में इस बीमारी के प्रति समग्र स्वास्थ्य नीतियों को सशक्त बनाएगी।
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