महाराष्ट्र सरकार द्वारा 14 जुलाई से बार और परमिट रूम पर लगाया गया बैंड शराब उद्योग के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है। इस कदम के खिलाफ शराब कारोबारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
शराब उत्पादकों और विक्रेताओं ने टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर विरोध जताया है, जिसके कारण कारोबार ठप होने की संभावना है। शराब व्यवसाय के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अगर ऐसे ही टैक्स लगाए गए तो वे अपने व्यापार को पूरी तरह बंद करने पर मजबूर हैं।
यह स्थिति न केवल स्थानीय व्यापार प्रभावित कर रही है, बल्कि आम जनता को भी इसका असर पढ़ रहा है क्योंकि बार और परमिट रूम पूरी तरह बंद हो जाने से लोगों को शराब की आपूर्ति में रुकावट आ रही है।
शराब उद्योग के इस संकट के समाधान के लिए सरकार और संबंधित पक्षों के बीच वार्ता की आवश्यकता है, ताकि न केवल टैक्स के मामले का समझौता हो सके, बल्कि इससे जुड़े रोजगारों और कारोबार को भी बचाया जा सके।
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