महाराष्ट्र रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने हाल ही में एक नई पहल की घोषणा की है, जिसमें फेस-एप और जियो-फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करके अपने कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की उपस्थिति और काम के घंटों को प्रभावी ढंग से मॉनिटर करना बताया गया है।
इस तकनीक के तहत, कर्मचारियों को 24/7 ट्रैक किया जाएगा, जिससे उनकी लोकेशन और चेहरे की पहचान संभव हो सकेगी। हालांकि, इस कदम की आलोचना भी हो रही है, जिसमें इसे निजता का उल्लंघन बताया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
- फेस-एप से कर्मचारियों की चेहरे की पहचान होगी।
- जियो-फेंसिंग के माध्यम से कर्मचारियों की लोकेशन ट्रैक की जाएगी।
- इससे कर्मचारियों की उपस्थिति और समय प्रबंधन बेहतर होगा।
- निजता और गोपनीयता पर लोगों में चिंता व्यक्त की जा रही है।
- फैसले का मकसद कामकाज में पारदर्शिता लाना बताया गया है।
यह पहल तकनीकी उन्नति को अपनाने के मामले में एक नई मिसाल साबित हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही कर्मचारियों के अधिकार और निजता की रक्षा के लिए उचित नियम और सीमा निर्धारित करना जरूरी है।

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