महाराष्ट्र में कैंडल जलाने पर लगे पाबंदियों को लेकर सोशल मीडिया पर मज़ेदार प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि यह नियम थोड़ा अजीब है क्योंकि कैंडल से राख बनती है, और इसे ज़्यादा गंभीरता से रोकना हास्यास्पद लग सकता है।
वैसे भी, कैंडल जलाना श्रद्धांजलि और यादों को सम्मानित करने का एक सामान्य तरीका है, जो कई धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में किया जाता है।
महाराष्ट्र सरकार की पाबंदी के संभावित कारण
- आगजनी से सुरक्षा: खुले में कैंडल जलाने से आग लगने का खतरा बढ़ सकता है।
- स्वच्छता: राख और गन्दगी से पर्यावरण को नुकसान हो सकता है।
- सार्वजनिक नियम: भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी होता है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर कई लोग इस नियम को हल्के-फुल्के अंदाज़ में ले रहे हैं और इसे मज़ाक में “राख के ढेर से ज़्यादा पाबंदी” कहकर ट्रोल कर रहे हैं।
यह देखकर लगता है कि नियम बनाते समय जनता की भावनाओं और परंपराओं का ख्याल रखना भी ज़रूरी होता है।
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