महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) ने हाल ही में राज्य के रीडी मेड कॉङ्क्रीट (RMC) प्लांट्स पर कड़े नियम लगाए हैं। ये नियम पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए बने हैं। इस तरह के सख्त कदम का उद्देश्य RMC प्लांट्स से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है।
MPCB द्वारा लागू किए गए मुख्य नियम
- धूल नियंत्रण: RMC प्लांट्स में धूल फैलने को रोकने के लिए विशेष उपकरण और तकनीकों का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है।
- जल प्रबंधन: प्लांट्स में पानी का पुनः उपयोग सुनिश्चित करना और अपशिष्ट जल का सही निपटान करना शामिल है।
- प्रदूषण मॉनिटरिंग: हर प्लांट को नियमित रूप से प्रदूषण स्तर की जांच कराना होगी और उसका डेटा MPCB को उपलब्ध कराना होगा।
- ईंधन का चयन: प्लांट्स में पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को प्राथमिकता देना आवश्यक होगा।
- रिपोर्टिंग और अनुपालन: नियत समय पर रिपोर्टिंग और नियमों का पूर्ण पालन अनिवार्य होगा, नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रभाव और प्रतिक्रिया
इन नए नियमों के तहत, RMC प्लांट्स को अपनी प्रक्रियाओं का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ेगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक सुधार करने होंगे। उद्योग जगत और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इसे महाराष्ट्र में साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
MPCB के नियमों से यह साफ़ होता है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अब और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिससे आने वाले समय में महाराष्ट्र के RMC प्लांट्स और आसपास के क्षेत्र स्वच्छ और सुरक्षित रहेंगे।
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